Tuesday, July 7, 2015

दिन दहाडे हत्या करने वाला फरार हत्यारा क्राईम ब्रांच की गिरफ्‌त में



इन्दौर-दिनांक 07 जुलाई 2015-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्धारा अपराधों की रोकथाम एवं अपराधिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम को एक बडी सफलता मिली है जिसमें उनकी टीम द्धारा करीब 5 साल से फरार एक हत्यारे को पकडा है, अपराधी का नाम मुस्ताक पिता मो. रफीक (41) निवासी चंदूवाला रोड चंदननगर गली न. 6 जीवन ज्योति स्कूल के पास इंदौर है। वर्ष 2002 में अपराधी मुस्ताक अपनी पत्नी फरजाना के साथ खजराना में मजीद के मकान में किराये से रहता था, उसी दौरान मुस्ताक की पत्नि का पडोस में रहने वाले हनीफ की पत्नि से विवाद हो गया था, जिस पर आरोपी ने अपनी पत्नि के साथ मिलकर हनीफ की दो वर्ष की बच्ची को गर्म दूध से जला दिया था। जिस पर पुलिस थाना खजराना द्वारा मुस्ताक एवं उसकी पत्नि फरजाना को गिरफ्‌तार कर जेल भेजा था। जेल से छूटकर आने के बाद मजीद ने मुस्ताक को मकान खाली करने के लिए बोला परंतु मुस्ताक ने मकान खाली नही किया तो, मजीद ने अपने दोस्त सुभान काला नि.चंदननगर को बताया। सुभान काला अपराधिक प्रवृत्ति का था, जिससे मुस्ताक और सुभान काले के बीच विवाद हो गया और इसी बात को लेकर मुस्ताक ने सुभान काले की दिनदहाडे पेट में कटार घोपकर हत्या कर दी। जिस पर पुलिस थाना चंदननगर ने अप.क्र. 592/02 धारा 302, भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपी को जेल भेजा था, जिसमे न्यायालय द्धारा मुस्ताक को आजीवन कारावास एवं 5000 रू का अर्थदण्ड की सजा दी थी।
              आरोपी मुस्ताक ने लगभग आठ वर्ष की सजा पूर्ण कर ली थी। जिससे इसे पेरोल पर केंद्रीय जेल से छोडा जाने लगा, आरोपी को तीन पेरोल मिली, जिस पर ये पुनः जेल में दाखिल हो गया था। फिर चौथी बार मुस्ताक केंद्रीय जेल इंदौर से 01.09.2010 को 15 दिन की पैरोल पर आया था, चौथी पेरोल मिलने पर यह घर आया, अपनी पत्नि को लेकर फरार हो गया जिस पर जेल अधीक्षक केंद्रीय जेल इंदौर द्धारा थाना एमजी रोड में मुस्ताक के खिलाफ अप.क्र. 407/10 धारा 31 डी जेल अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया।
आरोपी मुस्ताक फरार होकर अपनी पत्नि सहित पीथमपुर के पास ग्राम धनगढ में कुछ दिन लीलाबाई के मकान में रहा, फिर वहां उसे पता चला कि उसके फरार होने पर एमजी रोड पुलिस ढूंढ रही है, तब मुस्ताक अपनी पत्नि सहित पकडे जाने के डर से महाराष्ट्र चला गया और भुसावल में जगह बदल-बदलकर रहकर मजदूरी करने लगा। वर्तमान मे मुस्ताक अपनी पत्नि के साथ खडका रोड मुस्लिम कालोनी भुसावल में रह रहा था, जिसको आज क्राईम ब्रांच की टीम द्धारा भुसावल से पकडा है, हत्यारे मुस्ताक को किन-किन लोगों का संरक्षण प्राप्त था इस संबंध में जॉच की जा रही है, इसमें किसी की भी संलिप्तता पाये जाने पर सखती से कार्यवाही की जायेगी।

यशवंत टाकिज में खचाखच भरी भीड के सामने हत्या करने वाला फरार हत्यारा क्राईम ब्रांच की गिरफ्‌त में



इन्दौर-दिनांक 07 जुलाई 2015 पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्धारा अपराधों की रोकथाम एवं अपराधिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए चलाये जा रहे  विशेष अभियान के तहत क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम को एक बडी सफलता मिली है, जिसमें उनकी टीम द्धारा कई सालों से फरार एक हत्यारे को पकडा है। हत्यारे का नाम बबलू उर्फ जितेंद्र पिता रामकिशन कल्याणे निवासी हरिजन कालोनी पलासिया इंदौर है।
आरोपी वर्ष 1995 में यशवंत टाकिज में टिकिट ब्लेकिंग का काम करता था। वही पर इसके साथी भाई लालू पिता रामकिशन, दोस्त हेमु पिता हरींशकर निवासी श्रीकृष्ण टाकिज के पास इंदौर, चंदर पिता रामेशवर निवासी मुखर्जी नगर, कैलाश पिता कमल निवासी संजय गांधी नगर जो कि टाकिज में केंटिन पर काम करते एंव टिकिट ब्लैकिंग का काम करते थे। जहां पर इनका कैलाश भाट पिता इंदरसिंह भाट निवासी भाट मोहल्ला इंदौर के साथ  टिकिंट ब्लैक में बैचने को लेकर विवाद हो गया था। दिनांक 16.04.1995 की रात करीबन 09.30 बजे हत्यारे बबलू उर्फ जितेंद्र ने अपने सभी साथीयों को इकठ्‌ठा किया फिल्म छूटने के समय पूरी भीड के सामने बबलू ने अपने साथियों के साथ मिलकर कैलाश भाट की धारदार हथियारों से मारकर हत्या कर दी थी। जिस पर पुलिस थाना छोटीग्वालटोली ने अप0क्र 110/95 धारा 147,148,149,307,302 भादवि में बबलू उर्फ जितेंद्र एवं उसके साथियों को गिरफ्‌तार कर जेल भेज दिया था। जिस पर न्यायालय द्वारा दिनांक 31.01.2001 को आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था। एक वर्ष जेल काटने के बाद बबलू उर्फ जितेंद्र को मान. उच्च न्यायालय म0प्र0 इंदौरखांडपीठ द्वारा याचिका दायर करने पर जमानत पर छोड दिया था। प्रकरण के विचारण के बाद दिनांक 24.06.11 को माननीय उच्च न्यायालय म0प्र0 इंदौर खांडपीठ द्वारा बबलू उर्फ जितेंद्र की आजीवन कारावास की सजा को यथावत रखा गया था। जैसे ही हत्यारे बबलू को उसके वकील के द्वारा यह पता चला की उसकी सजा बरकरार है, तो वह तभी से फरार हो गया। फरारी के दौरान इसने अपना नाम बदलकर विजय रख लिया और जगह बदल-बदल कर, छुप-छुपकर रहने लगा। आरोपी पिछले कुछ सालों से इंदौर में ही अलग-अलग जगह अपनी पत्नि व बच्चों के साथ रह रहा था। जिसको क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा आज मकान न 48/4 न्यू पलासिया हरिजन कालोनी इंदौर से क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम द्वारा पकडा गया।

ग्रामीणों की मदद से 12 लाख की डकैती का पर्दाफाश, सभी आरोपी गिरफ्‌तार


इन्दौर-दिनांक 07 जुलाई 2015-पुलिस थाना बड़गौंदा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 5.7.2015 को फरियादी शेख समशूल अली पिता स्व. शेख बिहार अली निवासी बडवाली चौकी के पीछे इंदौर अपनी सेंट्रो कार से अपने साथी शेख अनवर, शेख समद के साथ करीबन 350 ग्राम सोने के पेंडल, टाप्स, लटकन, कडा, लेडिस अंगूठी, ब्रेसलेट, सभी आयटम प्लास्टिक के डब्बे में रखकर सुनारों के यहॉ बेचने निकला था, जो महू से पीथमपुर जाने पर फोरलेन मानपुर तरफ निकल गया। फदियादी जब ग्राम पॉजरिया फाटे पर मुडने के लिये रूका तो पीछे से आ रही मोटर साईकिल पर सवार 3 लडकों ने उसकी कार में पीछे से टक्कर मार दी, तो फरियादी उतरकर देखने लगा, इतने में इन लडकों ने फोन करके अपने और साथियों को बुला लिया तथा फरियादी समशूल के साथ सभी मारपीट करने लगे और उनमें से एक लडका चश्मा वाले ने कार में रखे हुए सोने के जेवर से भरा प्लास्टिक का डिब्बा जो पोलिथीन में रखा था, उसे उठाने लगा तो फरियादी ने नहीं उठाने दिया, फिर भी उसने डिब्बा छीन लिया और उसके साथ वाले ने फरियादी का मोबाईलछीन लिया तथा वहां से भाग गये। इनमें से 2 आरोपी फरियादी की कार लेकर, भागने लगे, फरियादी ने चिल्लाकर सहायता के लिये आवाज लगाई, जिस पर से गॉव के 8-10 लोग आ गये, इन्होनें घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को पकड लिया। पकडे गये आरोपी के नाम प्रदीप पिता महेन्द्रसिंह दिखित तथा पवन पिता महेन्द्रसिंह दिखित दोनों निवासी उज्जैन हाल निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी पीथमपुर पाये गये। उक्त घटना पर थाना बडगोंदा में अप.क्र. 224/15 धारा 395 भादवि का कायम कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक पश्चिम इंदौर श्री डी. कल्याण चक्रवर्ती द्वारा शीध्र घटना के अन्य आरोपियों को पकडने व माल बरामद करने के निर्देश दिये गये। जिस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महू श्री अरविन्द तिवारी एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस महू श्री अरूण कुमार मिश्रा के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए घटना में शामिल आरोपियान 1. प्रदीप पिता महेन्द्रसिंह दिखित (24) निवासी उज्जैन हाल निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी पीथमपुर, 2. पवन पिता महेन्द्रसिंह दिखित निवासी उज्जैन हाल निवासी हाउसिंग बोर्डकालोनी पीथमपुर, 3. मंगलसिंह पिता कमलसिंह चौहान (25) निवासी सांवेर हाल पीथमपुर, 4. संजू पिता धनराज मेवाडा (19) निवासी ग्राम बिजौरी थाना सिंहोर हाल पीथमपुर, 5. लक्ष्मण पिता मोहनलाल जायसवाल (29) निवासी कोदरिया बडगोंदा, 6. अक्षय पिता संतोष पाटीदार (19) निवासी एकता नगर पीथमपुर, 7. सचिन पिता नानूराम पाटीदार (25) निवासी पीथमपुर, 8. आनन्द पिता कर्मवीर कुद्गावाह (26) निवासी पीथमपुर, 9. राहुल उर्फ धरमवीर पिता रामविलास चौधरी (24) निवासी गोरखपुर हाल रायल रेसीडेंसी, 10. अब्दुल मोमीन पिता अब्दुल हकीम (55) निवासी वर्धमान वेस्ट बंगाल हाल सात रास्ता महूं, 11. तनुज पिता कान्तीलाल बरखडे (18) निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी पीथमपुर को गिरफ्तार कर, लूटा गया सोना करीबन 350 ग्राम, एक मोबाईल कुल कीमती करीबन 12 लाख रूपये का मश्रुका बरामद किया गया।
                आरोपियों ने पूछताछ पर बताया कि टक्कर लगने के बाद फरियादी के साथ मारपीट कर मोबाईल, कार और सोने के जेवरात लूटकर भाग गये थे। घटना गंभीर होकर, दिन दहाडे राष्ट्रीय राजमार्ग पर की गई थी, जिसमें पुलिस द्वारा तत्काल कार्यवाहीं करते हुए आरोपियों को पकडने व लूटा माल बरामदकरने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
उक्त आरोपियों को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना बडगोंदा के इंचार्ज थाना प्रभारी उप निरीक्षक आमोदसिंह राठौर, सउनि जितेन्द्र मिश्रा, सउनि के.एस ठाकुर, प्रआर. मुनेश, संजय गायकवाड, योगेश रघुवंशी, मुकेश नागर, बाबूलाल,  भैरूसिंह,  गुलाबसिंह,  संजय का सराहनीय योगदान रहा।
                घटना स्थल से मौके पर दोनों आरोपियों को पकडने वाले ग्रामीणजन अशोक पिता नंदकिशोर यादव, विजय पिता प्रहलाद यादव, रामलाल पिता जगदीश यादव, इशवर पिता बाबूलाल, सूरज, गोविन्द, महेश पिता नारायण, विनोद पिता नन्दकिशोर यादव, बंसतीलाल कामदार, निवासीगण पांजरिया एवं बनवारी निवासी जामली को पर पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर द्वारा प्रशस्तीपत्र से पुरूस्कृत किया गया है।