Monday, January 9, 2017

इन्दौर पुलिस द्वारा संवाद कार्यक्रम का आयोजन


इन्दौर-दिनांक 09 जनवरी 2017-इन्दौर पुलिस द्वारा आम जनता से बेहतर सामन्जस्य स्थापित करने के उद्‌देश्य से पुलिस की कार्य प्रणाली को प्रभावी बनाने हेतु प्रत्येक सोमवार को संवाद कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है, जिसके अन्तर्गत आज दिनांक 09.01.17 को 11.00 से 12.00 बजे तक उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणा चारी मिश्र द्वारा अति. पुलिस महानिदेशक इन्दौर जोन इन्दौर श्री अजय शर्मा की उपस्थिति में, भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश, श्री एस.के.दास एवं बैंक ऑफ इंडिया सियागंज शाखा के चीफ मैनेजर श्री एस.के.चौधरी साथ संवाद किया गया।

श्री एस.के.दास के साथ किये गये संवाद के महत्वपूर्ण अंश निम्नानुसार है-
1.         नाबालिग बच्चो के द्वारा किये जाने वाले अपराधो की संखया में बढ़ोत्तरी हो रही है इसके कारणों पर विश्लेषण किया जाना आवश्यक है ताकि उनको अपराध की तरफ जाने से रोका जा सके।
2.           यातायात व्यवस्था में पूरी तरह से सखती होना चाहिये उसमें काफी सुधार की आवश्यकता है। यातायात को व्यवस्थित रखने के लिये विदेशों में काफी सखती की जाती है और व्यक्ति दंड के डर से नियमों कापालन करता है।
3.         इंदौर पुलिस की पहल  ''संवाद'' काफी प्रशंसनीय है। शेष अन्य जिलो को भी इस पहल को लागू करना चाहिये जिससे पुलिसिंग को बेहतर बनाया जा सके।
4.         पुलिस को महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिये। इनके साथ छेड़खानी जैसी भी घटना न होने पाये, ऐसी सुरक्षा व्यवस्था करना चाहिए।

श्री एस.के.चौधरी के साथ किये गये संवाद के महत्वपूर्ण अंश निम्नानुसार है-
1          संवादहीनता-   पुलिस को आमजन के साथ संवाद बनाना चाहिये जिससे आमजन में पुलिस का भय न हो और बिना भय के वह पुलिस के साथ अपराध की रोकथाम में भागीदार बन सके। जिस संबंध में थाना प्रभारी स्तर पर कालोनी एवं रहवासी संघो के साथ हर महीने मीटिंग होना चाहिये। साथ ही व्हाटस-एप ग्रुप के माध्यम से भी निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों को आमजन के साथ जुड़ना चाहिये।

2          संवेदनहीनता-  शहर में जब भी कोई हादसा या घटना घटित होती है तो प्रायः देखा जाता है कि भौगोलिक क्षेत्राधिकार को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित होती है, इससे निपटने की आवश्यकता हैं। पुलिस कर्मियों को मनोवैज्ञानिक ट्रेंनिग दी जाये, जिससे पुलिस कीइमेज को बिल्डअप की जा सकें तथा पुलिस का आमजन के साथ मित्रवत व्यवहार बना रहे।

3          संसाधनहीनता-शहर में आबादी और अपराध तेजी से बढ़ रहे है लेकिन पुलिस आज भी वहीं की वहीं है और प्रत्येक 1400 नागरिकों पर 01 पुलिसकर्मी है, इस ओर ध्यान दिया जाना आवश्यक हैं। कैसलेस इंडिया कार्यक्रम से इंदौर अधिकांश कैसलेस हो चुका है जिसमें सायबर क्राईम का खतरा सर्वाधिक बढ़ गया है।

4          पुलिस की शारीरिक क्षमता को भी बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। अत्यधिक पुलिस ड्‌यूटी से पुलिस कर्मी अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं दे पाते है इसलिये इंदौर पुलिस द्वारा पुलिस लाईन में पुलिस कर्मियों के लिये योगा शुरू किया गया है जिससे पुलिसकर्मी अपने आपको शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत बना सकते है।


इस कार्यक्रम में आयें दोनों अतिथियों के साथ संवाद कार्यक्रम बहुत ही सार्थक एवं प्रभावपूर्ण रहा। उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर द्वारा दोनों अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें इन्दौर पुलिस के संवाद कार्यक्रम के स्मृति चिन्ह भेंट किये। इस दौरान प्राप्त सुझावों एव अपेक्षाओं पर, उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर द्वारा निर्देश दिये गये है कि इन्दौर पुलिस द्वाराचालानी कार्यवाही को प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिये तत्समय यथासंभव वीडियोग्राफी कराई जायेगी। पुलिस में भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने आने पर, संबंधित के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। साथ ही सायबर क्राईम से निपटने के लिये इंदौर पुलिस द्वारा शीघ्र ही सायबर हेल्पलाईन शुरू की जावेगी जिससे सायबर क्राईम से निपटा जा सके।





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