Monday, February 13, 2017

फर्जी प्लाट रजिस्ट्री एवं धोखाधड़ी प्रकरण का सरगना, फर्जी जमानतें कराने का धन्धेबाज भी निकला


इन्दौर 13 फरवरी 2017- उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणा चारी मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) श्री मो. युसूफ कुरैशी के मार्गदर्शन में कार्यवाही करते हुए, क्राईम ब्रांच ने मानवतानगर स्थित प्लाट की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर उसे मनमोहन सिंह अरोरा को बेचने के प्रकरण का पर्दाफाश़ कर धोखाधड़ी के इस सनसनीखेज मामले में अभी तक कुल सात आरोपियों को गिरप्तार किया जा चुका है। इन आरोपियों से क्राइम ब्रांच व्दारा कड़ी पूछताछ की जा रही है, मामले मे जहां भूमाफिया सोहराब पटेल, राजेश राजपूत, आशीष पहाडिया एवं मनोहर सिंह बैस पूर्व से पुलिस रिमाण्ड पर चल रहे है वही आज क्राईम ब्रांच ने अन्य माफिया राजू गाइड, रज्जू नाथ ओर सुरेश यादव को न्यायालय में कड़ी सुरक्षा से पेश कर इनका भी पुलिस रिमाण्ड प्राप्त किया गया है। क्राइम ब्रांच ने कुछ आरोपियो से प्लाट से सम्बन्धित फर्जी दस्तावेज जप्त कर आरोपियों से दौ लाख तीस हजार रूपये की राशि जप्त की है जो आरोपियों ने प्लाट को फर्जी तरीके से बेचकर अर्जित की थी।

ज्ञातव्य है, कि सुरजदेवी जैनका प्लाट जो पूर्व में दयाल सिंह के नाम पर था जिसे  विवादित प्रापर्टी में दखल रखने वाले राजेश राजपूत, आशीष पहाडिया एवं सोहराब पटेल ने दयाल सिंह के रूप मे फर्जी तरीके से मनोहर सिंह को पेश कर उक्त प्लाट मनमोहन अरोरा को 32 लाख रूपये मे बेच दिया था। इस फर्जीवाड़े मे मनोहरसिंह की तरफ से इन्दौर के कुखयात गुण्डे राजेन्द्र सिह तोमर उर्फ राजू गाइड तथा प्रापर्टी ब्रोकर सुरेश यादव भी जुड़ गये थे, जिन्होने मनोहर सिंह के हिस्से के चार लाख रूपये आपस में बांट लिऐ थे, इसी राशि में से क्राइम ब्रांच ने अब तक 2 लाख 30 हजार रूपये की राशि जप्त कर ली है। जबकि मुखय आरोपी राजेश राजपूत आशीष पहाड़िया व मनोहर सिंह से राशि जप्त करने के प्रयास जारी है। अति. पुलिस अधीक्षक अपराध श्री अमरेंद्र सिंह ने बताया कि मुखय आरोपी मनोहर सिंह जो कि फर्जी दयालसिंह के रूप में प्रस्तुत हुआ था वह अक्सर कोर्ट में घूमता देखा गया है जो कि अपराधी तत्वों से रूपये लेकर उनकी जमानतें कराता रहता है उससे 2 ऐसी ऋण पुस्तिकाऐ जप्त हुई है जिनमें करीब 40-50 बार आरोपियों की जमानतें कराने की पुष्टी होती है। यह सरगना इतनी जमानतें कराने में कैसे सफल हो गया तथा इसमें और कोन-कौन की भूमिका रही है इस संबंध मे क्राईम ब्रांच व्दारा गोपनीय जांच की जा रही है जिससे और भी खुलासे होने की संभावना है।


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