Monday, March 6, 2017

एटीएम गार्ड की हत्या कापर्दाफाश, मोबाईल की चाहत और हाथ खर्च की तंगी बनी हत्या का कारण, हथियार के प्रकार से खुला हत्या का राज


इन्दौर-दिनांक 06 मार्च 2017-पुलिस थाना बाणगंगा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 14.02.17 को नंदबाग गली नं. 14 में स्थित स्टेट बैंक आफ इन्दौर के एटीएम में बक्शी सिक्यूरीटी कंपनी के गार्ड अंकुश शर्मा पिता लीलाधर शर्मा उम्र 26 साल निवासी नंदबाग इन्दौर की किसी अज्ञात बदमाश द्वारा धारदार हथियार से गर्दन में वार कर हत्या कर दी थी तथा एटीएम को तोडकर उसमें से चोरी करने का प्रयास भी किया गया था। इस घटना पर फरियादी लीलाघर शर्मा की रिपोर्ट पर से अपराध क्र. 183/2017 धारा 302,460,461 भादवि का पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया था ।
यह घटना देर रात करीब 1 बजे से 3 बजे के मध्य में घटित की गई थी इस घटना की गंभीरता इसलिए और अधिक बढ गयी क्योंकि इसी रात थाना राजेन्द नगर क्षेत्र में सिलिकान सिटी में भी एक एटीएम को तोडकर उसे बाहर लाकर ले जाने का प्रयास किया गया था। दोनों एटीएम की घटनायें एक ही रात्रि में घटित होने से प्रथम रूप में ऐसा परिलक्षित हुआ कि किसी दक्ष बदमाशों की टीम द्वारा यह घटनायें की गई है। इसघटनाक्रम के पर पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा पुलिस अधिकारियों को दोनों घटनाओं में समरूपता देखने के निर्देश दिए किन्तु घटनास्थल के आसपास प्राप्त जानकारी तथा घटना की कार्य प्रणाली एवं उपलब्ध विडियों फुटेज से यह निश्चित हुआ कि दोनों ही घटनायें अलग-अलग है। फिर उक्त हत्या की घटना की पतारसी हेतु पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री अवधेश गोस्वामी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये और इस घटना के बारे में पता करने बाबत्‌ उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर द्वारा 20,000 रूपये का ईनाम भी घोषित किया गया।
इस घटना क्रम के संबंध में पुलिस अधीक्षक श्री अवधेश गोस्वामी द्वारा घटना दिनांक को ही दोनों घटनास्थलों का परिभ्रमण कर श्री सम्पत उपाध्याय अति. पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में एक विशेष कार्य योजना तैयार की गयी, इस कार्य योजना में घटनास्थल के अलावा एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी समाहित था कि मृतक का मोबाईल थाना मल्हारगंज के लक्ष्मीपुरी कालोनी क्षेत्र में एक चाय की दुकान के टीन शेड के ऊपर मिल गया था। घटनास्थल से मोबाईल मिलने का स्थान लगभग ढाई किलोमीटर था और जिस दुकान की टीन शेड परमोबाईल मिला था वह चाय नाश्ते की दुकान है। इस परिदृश्य के अनुरूप यह निर्धारित हुआ कि अज्ञात आरोपी नंदबाग के एटीएम से लेकर लक्ष्मीपुरी कालोनी की चाय नाश्ते की दुकान तक के स्थान से परिचित है क्योंकि बंद दुकानों में सामान्य रूप से रात्रिकाल में यह निर्धारित नही होता कि किस दुकान के अन्दर क्या मिल सकता है । इस आधार पर सर्वप्रथम सीमावर्ती थाने मल्हारगंज, एरोड्रम तथा सदर बाजार में ऐसे अपराधिक प्रवृत्ति के अपराधियों को तलाश किया गया जो इस घटना की कार्य प्रणाली से तथा अपराध के पश्चात स्थान विशेष की पहचान अनुरूप अपना अपराधिक कार्यक्षेत्र रखते हैं लगभग 40 बदमाशों से पूछताछ की गई किन्तु उक्त फ्रेम में किसी भी अपराधी की उपस्थिति का भान नही हुआ।
                पुलिस टीम द्वारा विवेचना के दौरान मृतक के जीवन के अनुरूप इसकी दूसरे लोगों से होने वाली बुराईयों को टटोला गया जिसमें इसकी चल अचल सम्पित्त, इसका आचरण, व्यक्तिगत्‌ जीवन तथा स्त्री मित्रता के कारणों की तलाश की गई किन्तु ऐसा कोई कारक प्रकट नही हुआ जिससे विवेचना को दिशा मिल सके। कोई जानकारी प्राप्त न होने पर उप पुलिस महानिरीक्षक द्वारा पुलिस अधीक्षक श्री अवधेश गोस्वामी को फील्डइन्फार्मेशन संकलित करने के लिए निर्देशित किया गया। इसमें घटनास्थल के आसपास 01 किलोमीटर का वृत्ताकार एरिया लेकर इस क्षेत्र में रहने वाले संदिग्ध अपराधी, आवारा तथा घटना के आसपास मकान छोडकर जाने वाले व्यक्तियों की जानकारी को प्रमुख रूप से लक्ष्य बनाते हुए जानकारी एकत्रित करने हेतु थाना प्रभारी बाणगंगा श्री विनोद दीक्षित व उनकी टीम को निर्देश दिये गये। लगभग 10 दिन की एक्सरसाईज में 275 मकानों की जानकारी संकलित की गई। तब इसी दौरान नंदबाग क्षेत्र से ही मुखबिर द्वारा बताया गया कि इस घटना में राजपाल रघुवंशी का हाथ हो सकता है जो पूर्व में अवैध शराब के केस में बंद हो चुका है। इस सूचना को आगे बढाते हुए रिकार्ड खगाला गया तो राजपाल रघुवंशी के स्थान पर एक मिलता जुलता नाम धनपाल रघुवंशी ऐसा मिला जो वर्ष 2016 के अप्रैल माह में अवैध शराब में बंद हुआ था, इसका पता भी नंदबाग कालोनी के पास जगदीश नगर का होना पाया गया। इस व्यक्ति की तलाश की गई तो यह व्यक्ति लास्टिक फैक्ट्री पोलोग्राउण्ड में काम करने की जानकारी ज्ञात हुई। बमुश्किल फैक्ट्री का पता किया गया तो ज्ञात हुआ कि राजपाल रघुवंशी नाम का व्यक्ति काम करता था वह नौकरीछोडकर जा चुका है, किन्तु धनपाल रघुवंशी नाम का कोई व्यक्ति काम नही करता है। फैक्ट्री से पता देखने पर राजपाल का पता भी धनपाल के पते पर पाया गया, जिस पर शंका बढती गई तब धनपाल नाम के व्यक्ति की तलाश करते उसके पते पर पहुंचकर ज्ञात हुआ कि यह कुछ दिनों से घऱ से गायब है तथा उसके भाई राजपाल ने बताया कि मैंने लास्टिक फैक्ट्री में कोई कार्य नही किया। धनपाल के घर से ज्ञात उसके आचरण व इसकी दोस्तों एवं उठने बैठने के स्थानों से जानकारी प्राप्त की गई तथा इसका मोबाईल नंबर भी घर से जो ज्ञात हुआ वह बंद था। इसकी विशेष जानकारी एकत्र कर इसे पकडा गया  तब इसकी तलाशी ली गई तो इसके पर्स में कोहिनूर लास्टिक फैक्ट्री में राजपाल के नाम से काम करने के कागज प्राप्त हुए। मुखबिर की सूचना की पुष्टि होने पर गहराई से पूछताछ प्रारंभ की गई तो इसनें घटना के पीछे जो राज बताया वह वर्तमान परिवेश का एक अंचम्भित करने वाला कारण सामने आया ।
                                आरोपी धनपाल उर्फ दीपक थाना बाणगंगा में अवैध हथियार रखने तथा आबकारी विभाग में अवैध शराब के विक्रय करने के केस में गिरफ्तार हो चुका है। यह अपने माता-पिता व भाइ-भाभी के साथ जगदीश नगरमें रह रहा है। घर की माली हालत ठीक न होने से मजदूरी करता है तथा पढाई लिखाई के कोई कागज न होने पर अपने भाई के नाम पर जहाँ मजदूरी मिलती है वहां नौकरी करता है। इसका विशेष शौक मोबाईल की चाहत है क्योंकि गिरफ्तारी के समय इसकी तलाशी लेने पर इसके पास से तीन टूटे फूटे मोबाईल मिले, जो कि चालू हालत में नही है जिनकी स्क्रीन टूटी हुई है तथा अन्य भी टूट फूट है। इसके बावजूद भी अपने शौंक की कारण तीनों मोबाईल अपने साथ रखता है। इसकी शराब पीने की आदत, पैसे की चाहत एवं मोबाईल के शौक ने घटना से दो दिन पहले यह मन तैयार कर दिया कि कोई एटीएम तोडकर पैसा निकालुगां और अपना शौंक पूरा करूँगा। घटना के पहले इसनें अकेले देशी शराब पी तथा अपने साथ एक बकानुमा धारदार हथियार लेकर उसे एटीएम को तोडने एवं चौकीदार से सामना करने की तैयारी कर अपराध करने की योजना मन ही मन तैयार कर ली। जैसे ही एटीएम में अपराधी धनपाल अन्दर गया, सबसे पहले इसने यह मानते हुए कि ऊपर का पल्ला खोलने से रूपये निकाल आयेगेइस धारणा से पल्ला तोड लिया किन्तु उसके तोडने से फिर उसमें एक लाक दिखाई देने लगा । इसी दौरानचौकीदार अंकुश शर्मा के जागने की हलचल इसे समझ पडी तो इसने अपने अपराधिक उपयोग के लिए रखा हुआ बका उसकी गर्दन पर दे मारा और इसी प्रहार से मृतक को गहरी चोट पहुँची और इस प्रहार के बाद लगभग पाँच-छः वार और आरोपी द्वारा मृतक पर किए गए इसके बाद मृतक के सिराहने रखा हुआ मोबाईल उठा लिया और 51 नंबर स्कीम के रास्ते से लक्ष्मीपुरी पहुँचा। जहाँ पर पूर्व से जानकारी अनुरूप इसनें मोबाईल को एक दुकान की टिन शेड पर फेंक दिया ताकि एक-दो दिन बाद आसानी से उठाया जा सकें। क्योकिं इसनें बताया कि मोबाईल में पेटर्न लाक होने से वह खुल नही सका और स्वीच ऑफ भी नही हो सका। इसने सोचा कि इसको यदि अभी मैं अपने पास रखूगो तो मैं पकडा जा सकता हुँ। इसलिए मोबाईल को छिपाने के उद्देश्य से ऐसे स्थान पर फेंक दिया जहाँ से दूबारा उठाया जा सकता था।

                इस सम्पूर्ण विवेचना में आरोपी ने जो हथियार घटना में प्रयुक्त किया है उस हथियार को प्राप्त करने के स्थान की वजह से पुलिस को सूचना संकलित करने में अत्यधिक मदद मिली क्योंकि हत्या में प्रयुक्त हथियार की श्रेणी कुछ विशेष थी जैसा कि चोटों से तथा डॉक्टर से बातचीत करनें में ज्ञात हुआथा और इस तरह के हथियार बनाये जाने वाले स्थान को चिन्हित कर सूचना संकलित की गई। पुलिस द्वारा उक्त अंधेकत्ल का पर्दाफाश कर, आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।


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