Saturday, October 21, 2017

पुलिस थाना लसूड़िया द्वारा, अंधे कत्ल का 6 घण्टें में पर्दाफाश, आरोपी ने अपने भाई के साथ मिलकर, पत्नी से संबंधों की वजह से दिया घटना को अंजाम


इन्दौर-दिनांक 21 अक्टूबर 2017-पुलिस थाना लसूड़िया पर दिनांक 2021.10.17 की दरम्यानी रात्रि करीबन 01.49 बजे फरियादी अर्जुन पिता राकेश पवार उम्र 28 साल निवासी दुर्गा मंदिर के पास बिज्जूखेड़ी ने उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि, उसका भाई लोकेश उम्र 24 साल मोबाईल शाप पर काम करने रोजाना की तरह गया था जो अभी तक वापस नही आया हैं। फरियादी की रिपोर्ट पर गुम इँसान क्र 151/17 कामय कर तत्काल गांव वालों के साथ-साथ एफआरवी तथा पुलिस टीम ने आस-पास तलाशा, तो लोकेश की मोटर सायकिल बिज्जूखेड़ी के रास्ते में ही खड़ी मिली जिसमें चाबी लगी हुई थी। रात्रि में लोकेश का कोई पता नहीं चल सका। इसी दौरान प्रातः 08.00 बजे के करीब डायल-100 पर सूचना मिली कि लोकेश की लाश सरजू बाई पति रामाश्रय के खेत के कोने में बागड़ के पास झाड़यों में पड़ी है।
        सूचना मिलते ही थाना प्रभारी लसूडिया टीम के साथ मौके पर पंहुचे तथा एफएसएल अधिकारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों कोतत्काल सूचित किया। जिस पर पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री अवधेश गोस्वामी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूर्वी जोन-2 श्री मनोज राय, नगर पुलिस अधीक्षक विजय नगर श्री जयंत राठौर तथा एफएसएल अधिकारी डॉ. बी.एल. मण्डलोई भी अपनी टीम के साथ मौके पर पंहुचे। घटनास्थल व शव के निरीक्षण से स्पष्ठ हुआ कि, किसी अज्ञात व्यक्ति ने मृतक की गला दबाकर हत्या की है।
       घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा पुलिस अधीक्षक पूर्व को अज्ञात आरोपी की तत्काल पतारसी करने के निर्देश दिये गये। जिसपर पुलिस अधीक्षक द्वारा मौके पर स्वंय पूछताछ करने के साथ-साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मनोज राय एवं नपुअ श्री जयतं राठौर के मार्गदशन में, थाना प्रभारी लसूडिया के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर, आरोपी की पतारसी हेतु योजनाबद्ध तरीके से लगाया गया।
नगर पुलिस अधीक्षक विजय नगर तथा थाना प्रभारी लसुडिया द्वारा मौके पर ही लगातार पूछताछ विभिन्न साक्षियों से करने पर ज्ञात हुआ कि मृतक लोकेश के नजदीकी संबंध ग्राम बिज्जूखेड़ी निवासी अखलेश पिता बाबूलाल सोनगरा की पत्नी किरण से थे। लोकेश लगातार चोरी छुपे किरण से मिलताथा इसकी जानकारी किरण के पति अखलेश को थी। अखलेश ने कुछ माह पूर्व मृतक लोकेश को अपनी पत्नी के साथ रंगे हाथ पकड़ा भी था और लोकेश के साथ अखलेश ने मारपीट एवं विवाद भी किया था, लेकिन इसके बावजूद भी मृतक लोकेश यदाकदा किरण से मिलता रहता था ।
उपरोक्त जानकारी के आधार पर ग्राम बिज्जूखेड़ी में ही पुलिस पार्टी ने विभिन्न लोगो से पूछताछ की और कड़ी से कड़ी जोड़ी तथा इसी आधार पर किरण के पति प्रमुख संदेही अखलेश पिता बाबूलाल सोनगरा से सखती से पूछताछ की जिसने थोड़ी देर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया लेकिन कुछ मिनटो में ही अखलेश टूट गया और उसने बताया कि, मृतक लोकेश के संबंध उसकी पत्नी किरण से थे । लोकेश को समझाने के बावजूद भी उसने किरण से मिलना नहीं छोड़ा था जिसके कारण वह बहुत परेशान था कल रात्रि उसने लोकेश का पता किया जो पता चला कि लोकेश अभी घऱ नहीं लौटा है, तो उसने अपने छोटे भाई प्रदीप पिता बाबूलाल सोनगरा को सूचना देकर ग्राम बिज्जूखेड़ी के रास्ते पर बुला लिया जंहा थोड़ी देर में ही मृतक लोकेश मोटर सायकिल से आता दिखा जिसे अखलेश ने रोका तथा किरण से मिलनेकी बात को लेकर लोकेश से विवाद होने लगा इसी दौरान अखलेश ने लोकेश को 4-5 चांटे मारे और तथा अपनी कलाई व भुजा के मध्य लोकेश की गर्दन को दबा लिया तथा इस दौरान अखलेश के भाई प्रदीप ने लोकेश की टांगे पकड़ ली, अखलेश ने लगातार लोकेश का गला दबाया जिससे लोकेश की मृत्यु हो गई। दोनो भाईयों ने मिलकर लोकेश की लाश को वहीं झाडियों में पटक दिया और अपने घऱ चले गये।
रात्रि में जब पुलिस ने गुम इंसान कायम किया और लोकेश की तलाश गांव में कर रही थी तब गांव वालो के साथ मुखय आरोपी अखलेश भी लोकेश की तलाश कर रहा था, तथा प्रातः जब लोकेश का शव बरामद हुआ तब पुलिस कार्यवाही में पंचान तलब किये गये उनमें अखलेश का भाई आरोपी प्रदीप भी एक पंच की हैसियत से मौजूद था, इस प्रकार दोनो भाईयों ने किसी को शक न हो इसका पूरा प्रयास किया और बजाय भागने के समस्त कार्यवाही में भी उपस्थित रहे, लेकिन पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारियों से ज्ञात घटनाक्रम तथा पूछताछ के आगे दोनो आरोपी ज्यादा देर नहीं टिक से एवं अपना अपराध कबूल कर लिया ।
पुलिस ने आरोपी अखलेश के मैमोरेंडम के आधार पर बिज्जूखेड़ी के नाले से मृतक लोकेश कीएक जोड़ीसेंण्डल तथा आरोपी प्रदीप के मैमोरेंड़म के आधार पर मृतक लोकेश का एच टी सी कम्पनी का मोबाईल नाले के दूसरी तरफ से बरामद कर लिया । इस प्रकार मृतक के अंतिम संस्कार के पूर्व ही पुलिस द्वारा तत्परता से अंधेकत्ल का पर्दाफाश मात्र 06 घण्टे में किया गया।

उक्त त्वरित कार्यवाही कर अंधेकत्ल का पर्दाफाश करने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी लसूड़िया श्री राजेन्द्र सोनी, उनि रमेश चौहान, उनि दीपक शर्मा, उनि अनीता सिंह, सउनि राकेश चौहान, सउनि अनिल सिलावट प्रआर 2814 मुनीश पाण्डये, प्रआर 2367 अवधेश चतुर्वेदी, प्रआर 147 गोविन्द, आर 2903 शैलेन्द्र मीणा, आर 2984 केदार, आर 1337 राजेन्द्र , आर 846 धीरेन्द्र, आर 1211 संजय खानआर. चालक 3262 जयदीप की महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका रही। उक्त सराहनीय कार्य करने वाली टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गयी है।


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